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कार्तिक मास 29 अक्टूबर 2023 को प्रारम्भ हो गया है जो 27 नवम्बर तक चलेगा। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यदि नजर डाली जाए तो इस मास में नीच राशि पर स्थित सूर्य से गुरू का समसप्तक योग बन रहा है जो देश की राजनीति में विग्रहकारी योगप्रद है। उन्नतशील राष्ट्रों पर परस्पर विद्वेषण बढ़कर सैन्य संघर्ष रहेगा ।पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, चीन एवं तुर्की, कोरिया आदि देशो की नीति विश्व मे अशांति की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। इस मास में रूई, सोना, चाँदी एवं खाद्य पदार्थ तेज रहने की सम्भावना बनी रहेगी। ता. 2 नवम्बर से गेहुं, जौ, चना, चावल, सूती-ऊनी वस्त्रों में घटा-बढ़ी रहेगी।ता. 8 नवम्बर पश्चात सरसों, चना, गेहुं, सभी तेल व रस पदार्थों में तूफानी तेजी रहेगी। शेयर भाव के बाजार उतार-चढ़ाव में रहेंगे। ता.17 नवम्बर से खाद्य पदार्थ, तेल व किराणा सामान में तेजी रहेगी। मास में वायुवेग की अधिकता एवं सामान्य सर्दी का दुष्प्रभाव जनता में रोगोत्पातकारी रहेगा तथा कहीं-कहीं छुटपुट वर्षा रहेगी।

कार्तिक मास में प्रत्येक राषियों का फल

मेषः- मेष राशि के जातकों को इस मास में सिर में पीड़ा रहेगी। अर्थलाभ होकर भी खर्च की अधिकता बनी रहेगी तथा स्त्रीयों को कष्ट बना रहेगा।
वृषः- वृष राशि के जातकों को भी इस मास में सेहत में गड़बड़ी व आंखों सम्बन्धी परेषानियां बनी रहेगी। कारोबार में उठा-पटक, शत्रुओं से भय बना रहेगा। मास के अन्त में विशेष हानि के संकेत रहेंगे।
मिथुनः- इस मास में मिथुन राशि के जातको को पेट सम्बन्धी विकार, क्रोध में वृद्धि, घरेलु झंझटों में बढ़ोतरी बनी रहेगी। कार्यभार में फेरबदल की सम्भावना बनी रहेगी।
कर्कः- कर्क राशि वाले जातकों को माह में वायु सम्बन्धी विकार देखने को मिल सकते हैं। धन का लाभ व सन्तान पक्ष से चिन्ता बनी रहेगी।
सिंहः- सिंह राशि के जातको की सेहत ठीक रहेगी। धन अर्जन से लाभ रहेगा। नई योजनाओं से लाभ होने की प्रबल सम्भावना रहेगी परन्तु मास के अन्त में विषेष कष्ट होने की सम्भावना रहेगी।
कन्याः- मास में इस राशि के जातकों की स्वास्थ्य स्थिति सुदृढ़ रहेगी। धन लाभ होकर हाथ से निकलने के योग है। कर्ज में बढ़ोतरी व जमीन जायदाद सम्बन्धी झगड़ेंब ने रहेंगे। स्त्रिियों को सुखों की प्राप्ति होगी।
तुलाः- तुला राशि वाले जातकों को मन में अषान्ति बनकर धनहानि होगी, नई योजनाओं व सन्तान पक्ष से हानि के योग है। व्यापारिक परिस्थितियों में उठापटक बनी रहेगी।
वृष्चिकः- वृष्चिक राशि वाले जातकों को इस माह में विषेष कष्टों का समना करना पड़ सकता है। मानसिक चिन्ताएं बनी रहेंगी। धन का लाभ होकर नई योजनाओं में सफलता व सन्तान पक्ष से ख्षी बनने के योग रहेंगे।
धनुः- इस माह में धनु राशि वाले जातको को क्रोध व कर्जो में बढ़ोतरी व नई योजनाओं से हानि के योग है। व्यापार मं बढ़ोतरी रहेगी । आंखों व सिर में पीड़ा देखने को मिल सकती है।
मकरः- मकर राशि वालों को भाई-बन्धुओं का सहयोग मिलता रहेगा। पुराने झंझटों में बढ़ोतरी होगी, स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव तथामास के अन्त में हानि होने के योग रहेंगे।
कुम्भः- कुम्भ राशि वाले जातकों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव होने के साथ-साथ धन का लाभ होगा तथा सन्तान हेतु विशेष खर्च बनेंगे। व्यापार में फेरबदल सम्भव है।
मीनः- मीन राशि वाले जातकों को गुप्त शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है। मानसिक व शारीरिक परेशानी बनी रहेगी। कर्ज बढ़कर मनोशांति होने के योगप्रद है। स्वास्थ्य स्थिति सुदृढ़ रहेगी।

 

तुलसी पूजा का महत्व

तुलसी पूजा का महत्व कार्तिक महीने में तुलसी पत्र से श्री विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं। कार्तिक महीने के दौरान शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इससे घर की सुख- समृद्धि बनी रहती है। इस माह में रोजाना सुबह उठकर स्नान कर के तुलसी पर जल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से आपके घर की सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इसके अलावा कार्तिक में सुबह उठकर तुलसी दल का सेवन भी बड़ा ही लाभकारी होता है। लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी की पत्ती को चबाया नहीं जाता उसे पानी के साथ निगलना चाहिए। कार्तिक महीने के दौरान दाल का सेवन वर्जित माना गया है।

दीपदान का महत्व

शास्त्रों के अनुसार इस माह भगवान विष्णु चार माह की अपनी योगनिद्रा से जागते हैं| विष्णु जी को निद्रा से जगाने के लिए महिलाएं विष्णु जी की सखियां बनती हैं और दीपदान तथा मंगलदान करती हैं| इस माह में दीपदान करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में छाया अंधकार दूर होता है| व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है|पदमपुराण के अनुसार कार्तिक के महीने में शुद्ध घी अथवा तेल का दीपक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्यानुसार जलाना चाहिए| इस माह में जो व्यक्ति घी या तेल का दीया जलाता है, उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फलों की प्राप्ति होती है| मंदिरों में और नदी के किनारे दीपदान करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं|

सात्विक जीवन

कार्तिक मास को बहुत ही पवित्र मास माना जाता है इसलिए इस महीने में सात्विकता का पालन करना चाहिए। कार्तिक मास में माँस-मदिरा और धूम्रपान का सेवन वर्जित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में जमीन पर सोना चाहिए। इस पूरे माह में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। कार्तिक मास में जमीन पर सोने से मन शुद्ध रहता है और कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं भी दूर होती हैं।

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